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Abstract
योग शब्द की उत्पत्ति ‘‘युज’’ धातु से हुई है। जिसका तात्पर्य होता है जोड़ना। जोड़ने के कई अर्थ हैंः आत्मा को परमात्मा से जोड़ना, मन, इंद्रियों तथा शरीर को जोड़ना, शरीर की भौतिक तथा मानसिक शक्तियों में समन्वय करना, मानव को मानव से जोड़ना, व्यक्ति को जीवन के वास्तविक उद्देश्य से जोड़ना आदि। प्रकृति के क्रम विकास की अभिव्यक्ति मनुष्य के रूप में होती है। वायु तत्व से प्राण और फिर प्राण से मन और मन से परे विज्ञान, तत्पश्चात् पूर्ण ब्रह्म की अभिव्यक्ति होती है। योग उस दिशा में मानवता को ले जाने वाला एक प्रशस्त मार्ग है।