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Abstract

शारीरिक शिक्षा की उच्च शिक्षा में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है और यह विद्यार्थियों के मध्य लोक प्रिय विषय भी है। शारीरिक शिक्षा केवल शरीर के स्वस्थ रहने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह विद्यार्थियों के व्यक्तित्व  का विकास कर उनका सामाजिक समायोजन करने में भी मदद करती है। यह अनेक नेतृत्व के गुणों एवं अनुशासन का विकास करती है। शारीरिक शिक्षा के व्यापक उद्देश्यों की पूर्ति में योगदर्शन की शिक्षा प्रदान करना अत्यंत सहायक होता है। योगदर्शन शारीरिक शिक्षा के अनेक घटकों का परिपूरक बनता है। योगदर्शन के द्वारा शरीर एवं मन के बीच स्वस्थ का विकास होता है। योगदर्शन से शरीर की विभिन्न क्रियाएं केवल शरीर तक सीमित नहीं रह जाती है बल्कि इससे यह भाव प्रगाढ़ होता है कि मन के अनुशासन के बिना शरीर की कुशलता कहीं पहुँचती नहीं है। प्रस्तुत शोधपत्र में हम योगदर्शन के संक्षिप्त परिचय द्वारा यह प्रदर्शित करेंगे कि योगदर्शन शारीरिक शिक्षा को परिपूर्ण करता है तथा विद्यार्थियों के समग्र विकास में सहायक होता है।

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